सद्गुरु श्री रितेश्वर महाराज जी का जन्म 5 जनवरी, 1973 उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ. भारत में स्थित एक आध्यात्मिक नेता, प्रेरक वक्ता और लेखक हैं. वह श्री आनंदम धाम के संस्थापक हैं और भगवान कृष्ण की शिक्षाओं के प्रबल समर्थक भी हैं. सद्गुरु ने मानव मन के ज्ञान को जगाने और उसे आनंदमय जीवन की ओर ले जाने के लिए एक निरंतर यात्रा शुरू की है. सनातन धर्म के प्रति उनका लगाव और समर्पण अतुलनीय है.
परम पूज्य गुरुदेव श्री रितेश्वर जी महाराज के प्राकट्य महोत्सव के दिन बिलासपुर के सेवा भारती कार्यालय में आनंदम धाम परिवार बिलासपुर द्वारा अनाथ बच्चों के लिए फल, चादर, दाल आदि दान कर प्राकट्य महोत्सव मनाया गया. जिसमे निषाद पार्टी से राष्ट्रीय सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी संजय सिंह राजपूत, एस के सिंह, विनोद सिंह, शेखर मुर्दलियार, विनय तिवारी, अर्जुन सिंह, अनिकेत सिंह, शंकर कश्यप, हितेंद्र बरेठ आदि उपस्थित रहे.
नई पीढ़ी के कल्याण के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण में छिपे रहस्यों और भागवत के मंत्रों के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दैवीय प्रभाव को उजागर करने के लिए सद्गुरु ने "भागवत अनुसंधान संस्थान" की स्थापना की है. अपनी शिक्षाओं के माध्यम से, सद्गुरु का लक्ष्य युवाओं को भगवान श्री राधाकृष्ण के भक्त बनने और स्थायी शांति और खुशी का आनंद लेने के लिए मार्गदर्शन करना है.