निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी श्री संजय सिंह राजपूत ने आज लगरा ग्राम के निषाद मछुआरा सामुदायिक भवन में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने जोशीले भाषण में उन्होंने निषाद समाज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करते हुए समाज के सशक्तिकरण और एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री राजपूत ने अपने संबोधन में प्रभु श्री राम और निषादराज गुहाराज के संबंधों का स्मरण करते हुए कहा, "जब प्रभु श्री राम विपत्ति की घड़ी में थे, तब निषादराज गुहाराज ने उनका साथ दिया और उन्हें गले लगाया। वह कंधे से कंधा मिलाकर श्री राम के साथ खड़े रहे और उन्हें नदी पार कराई। यह उदाहरण हमें बताता है कि निषाद समाज ने हमेशा सत्य, धर्म और साहस का साथ दिया है।"
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को प्रभु श्री राम और निषादराज गुहाराज के गले मिलने वाली ऐतिहासिक तस्वीर का संदर्भ देते हुए कहा, "यदि निषाद समाज चाहता है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां मजबूत और सशक्त बनें, तो हमें अब केवल सहारा बनने के बजाय अपने पैरों पर खड़े होकर शक्ति प्राप्त करनी होगी।"
श्री राजपूत जी ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि समाज की उन्नति और विकास के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि निषाद समाज राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराए। "अगर हम समाज में अपनी पहचान और सम्मान बनाए रखना चाहते हैं, तो हमें संगठित होकर पैरों से सत्ता और पावर में आना होगा," उन्होंने जोश से कहा।
श्री संजय सिंह राजपूत के इस प्रेरणादायक भाषण से उपस्थित कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ। उन्होंने निषाद समाज की ऐतिहासिक विरासत और गौरव को बनाए रखने की शपथ लेते हुए अपने राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के प्रति सजग रहने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर कई प्रमुख स्थानीय नेता और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिन्होंने निषाद पार्टी की नीतियों और समाज के उत्थान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।