निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी संजय सिंह राजपूत जी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर हरिद्वार आश्रम में पहुंचकर अध्यात्म योग मिशन के संस्थापक स्वामी मधुसुधाम जी से आशीर्वाद प्राप्त किया , और उन्होंने अपनी स्वरचित पुस्तक अध्यात्म दर्शन भेंट स्वरुप आशीर्वाद में दिया.
बताते चले कि गुरु पूर्णिमा भारत में अपने आध्यात्मिक या फिर अकादमिक गुरुओं के सम्मान में, उनके वंदन और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाने वाला पर्व है.हम सब मनुष्यों के जीवन निर्माण में गुरुओं की अहम भूमिका होती है.ऐसे में माना जाता है कि जिन गुरुओं ने हमें गढ़ने में अपना योगदान दिया है, उनके प्रति हमें कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए और उसे ज़ाहिर करने के दिन के तौर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है. उनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. हिंदुओ की परंपरा के मुताबिक आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी और इसी कारण से उनका नाम वेद व्यास पड़ा.भारत में प्राचीन काल से ही गुरुओं की भूमिका काफी अहम रही है. चाहे प्राचीन कालीन सभ्यता हो या आधुनिक दौर, समाज के निर्माण में गुरुओं की भूमिका को अहम माना गया है.